जैव प्रौद्योगिकी
जैव प्रौद्योगिकी: जैवप्रौद्योगिकी या जैवतकनीकी, प्रौद्योगिकी का वो विषय है जो अभियान्त्रिकी और तकनीकी के डाटा और विधियों को जीवों और जीवन तन्त्रों से सम्बन्धित अध्ययन और समस्या के समाधान के लिये उपयोग करता है। इसे रासायनिक अभियान्त्रिकी, रसायन शास्त्र या जीव विज्ञान में संबंधित माना जाता है। जैव प्रौद्योगिकी सर्वप्रथम कार्ल एरिकी (1919) में दिया था। जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य :- 6000 ईसा पूर्व बीयर एवम शराब के निर्माण हेतु किण्वन के कवक का उपयोग किया जाता था। 1150 ई. में एथेनॉल का उत्पादन शर्करा के किण्वन द्धारा किया जाने लगा। बायोटेक्नोलॉजी के जनक ग्रीक दार्शनिक अरस्तू जी है इन्होने इसे सन (384-322 ई.) जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) का उपयोग उन फसलों को विकसित करने के लिये किया गया है जो कीटों एवं रोगों के लिये प्रतिरोधी हैं, सूखा प्रतिरोधी हैं और अधिक उपज देते हैं। इसके परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि हुई है, फसल हानि में कमी आई है और बेहतर गुणवत्ता की फसलें प्राप्त हुई हैं। जम्मू, 28 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उत्तर भारत के प्रथम औद्योगिक बायोटेक